(Makar Sankranti 2020) मकर संक्रांति के पर्व को खिचड़ी (Khichdi) भी कहा जाता है. सूर्य के एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने को संक्रांति कहते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. इस दिन स्नान, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है
मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का प्रमुख पर्व है. ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. सूर्य के एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने को संक्रांति कहते हैं. मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार सूर्य, मकर
राशि में 14 जनवरी की रात 02:07 बजे प्रवेश करेगा.
इसलिए संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. मकर
संक्रांति से अग्नि तत्त्व की शुरुआत होती है और कर्क
संक्रांति से जल तत्त्व की. इस समय सूर्य उत्तरायण
होता है. इस समय किए जप और दान का फल अनंत
गुना होता है.
मकर संक्रांति का पर्व जिस प्रकार देश भर में अलग-
अलग तरीके और नाम से मनाया जाता है, उसी प्रकार
खान-पान में भी विविधता रहती है. इस दिन तिल का
हर जगह किसी ना किसी रूप में प्रयोग होता ही है
. तिल स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है.
मकर संक्रांति पर माघ मेले में भारी संख्या में साधु
-संतों की भीड़ देखी जा सकती है. इस दौरान दान करने
की परंपरा को भी लोग बड़ी श्रद्धा के साथ पूरा करते हैं
- तड़के स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें.
- श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ या गीता
का पाठ करें
नए अन्न, कम्बल और घी का दान करें.
- भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनायें.
- भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से
ग्रहण करें
सूर्य से लाभ पाने के लिए क्या करें?
- लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें.
- सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें.
- मंत्र होगा - "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः".
- लाल वस्त्र, ताम्बे के बर्तन तथा गेंहू का दान करें.
- संध्या काल में अन्न का सेवन न करें.
मकर संक्रांति पर तिल का कैसे प्रयोग करें?
- सूर्य देव को तिल के दाने डालकर जल अर्पित करें
- स्टील या लोहे के पात्र में तिल भरकर अपने
सामने रखें
- फिर "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें
- किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान
कर दें
- इससे शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलेगी
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