भोपाल. मध्यप्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी की एक चिट्ठी से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। डीजीपी की चिट्ठी वायरल होने के बाद पुलिस अधिकारी सकते में आ गए हैं। डीजीपी ने अपने पत्र में कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कई आईपीएस, तो बिना ऑफिस आए ही वेतन ले रहे हैं। डीजीपी विवेक जौहरी ने भोपाल पुलिस मुख्यालय में तैनात 29 सीनियर आईपीएस अधिकारियों को लेकर यह सवाल उठाए हैं। 29 में 14 आईपीएस अधिकारी तो ऐसे हैं, जिन्हें लंच करने में 2 घंटे का वक्त लगता हैं।
कुछ अधिकारी तो लंच के बाद ही ऑफिस छोड़कर चले जाते हैं। उसके बाद ऑफिस आते ही नहीं हैं। 3 ऐसे भी आईपीएस अधिकारी हैं, जो कभी ऑफिस आते ही नहीं हैं। बिना काम के ही ये सारे अधिकारी सैलरी के साथ-साथ सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।
ऑफिस से रहते हैं गायब
डीजीपी ने अपने पत्र में 29 आईपीएस अधिकारियों की कार्यशैली का जिक्र किया है। उन्होंने पाया है कि वर्किंग टाइम में अधिकारी अपने चैंबर से गायब रहते हैं। यहीं नहीं कई अधिकारी तो लंच के बाद ऑफिस आते ही नहीं हैं। विवेक जौहरी ने 6 जून को चिट्ठी लिख अधिकारियों से काम को महत्व देने को कहा है। साथ ही उन अधिकारियों से कहा है कि वह सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक ऑफिस में रहें। डीजीपी ने कहा है कि यह बहुत ही खेद का विषय है कि स्पेशल डीजी, एडीजी और आईजी स्तर के अधिकारी दफ्तर में नहीं होते हैं और न ही फोन रिसीव करते हैं।
पुलिस मुख्यालय ने 29 अधिकारियों को चिह्नित किया है। इनमें से 3 ऑफिस ही नहीं आते हैं, 12 लंच टाइम के बाद ऑफिस लौटते नहीं हैं और 14 को लंच करने में 2 घंटे का वक्त लगता है। डीजीपी ने अपनी चिट्ठी में ऐसे अधिकारियों के नाम का जिक्र नहीं किया है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई है कि ऐसे अधिकारी भविष्य में समय से ऑफिस में उपलब्ध होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि आपके अधिनस्थ कार्यरत लोगों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है। वहीं, डीजीपी की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल है।
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