
गणपत गर्ग / पोकरण, राजस्थान। पश्चिमी रेगिस्तान की भूमि भले ही बंजर हो, लेकिन प्रकृति ने इस क्षेत्र को भी कुछ अनमोल सौगातें प्रदान की हैं। प्रचंड गर्मी की शुरुआत होते ही रेगिस्तान में विषम हालात पैदा हो जाते हैं। कई बार तापमान 50 डिग्री भी पार कर जाता है। जिससे कई जीव जंतुओं की मौत हो जाती है। इस तेज़ गर्मी में कई पेड़ पौधे भी झुलस जाते हैं। ऐसी स्थिति में एक पेड़ ऐसा है जो जितनी ज्यादा गर्मी पड़ती है उतना ज्यादा हरा होता चला जाता है। लू के थपेड़े जितने तेज होते हैं यह पेड़ उतना ही फलदार और इसके फल उतना ही स्वादिष्ट होते चले जाते हैं। स्थानीय भाषा में इसे पीलू कहते हैं।
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