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ग्वालियर में मरीजों के शव बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के सौंप जाएंगे, लेकिन दाहसंस्कार की शर्त रहेगी


ग्वालियर । मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में वार्ड में मरीज की मौत के बाद अब परिजन को उसकी कोरोना जांच का इंतजार नहीं करना होगा। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जेएएच प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई परिजन मरीज की मौत के बाद कोरोना जांच का इंतजार किए बिना शव ले जाना चाहता है तो उसके सुपुर्द किया जाए। इसमें शर्त यह होगी कि जिस हालत में शव को पैक कर परिजन के सुपुर्द किया जाएगा, उसी हाल में परिजन को अंतिम संस्कार करना होगा।
वहीं डिमांस्ट्रेटर डॉ. हीरालाल मांझी के निलंबन का आदेश जारी करने की बात कमिश्नर एमबी ओझा ने कही है। साथ ही प्रशासनिक जांच में दोषी के खिलाफ एफआइआर भी कराई जाएगी। सोमवार को जेएएच अधीक्षक कार्यालय में कमिश्नर एमबी ओझा, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, सीइओ जिला पंचायत शिवम वर्मा, डीन डॉ. एसएन अयंगर, जेएएच अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ और सुपर स्पेशियलिटी के अधीक्षक डॉ. जीएस गुप्ता मौजूद रहे।
दरअसल JAH के पीएम हाउस में शनिवार को शव बदलने का खुलासा हुआ था। मुरैना के 65 वर्षीय इर्तजा मोहम्मद का शव व शिंदे की छावनी निवासी 50 वर्षीय सुरेश का शव पीएम हाउस में रखा था। सुरेश के परिजन गड़बड़ी के चलते इर्तजा के शव को ले गए और हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार भी कर दिया। जब शनिवार को शव बदलने का पता चला तो इर्तजा के परिजन ने अस्पताल में हंगामा कर दिया था। इस मामले को लेकर सोमवार को प्रशासनिक अफसर व जेएएच प्रबंधन ने बैठक कर अहम निर्णय लिए।


अब जिस विभाग में मरीज की मौत होगी, उस विभाग की भी जिम्मेदारी तय की गई है। जेएएच अधीक्षक ने जिम्मेदारी तय करते हुए बताया कि मरीज के मौत के बाद शव का पंचनामा तैयार कर संबंधित विभाग का स्टाफ शव को रखवाने से लेकर उसे सुपुर्दगी तक की निगरानी रखेगा। जो भी शव पीएम हाउस में रखा जाएगा उसकी टैगिंग दो तरह से की जाएगी। पहली टैग पर मरीज का नाम, पता लिखकर कवर पर चस्पा किया जाएगा। दूसरी पर्ची कवर के अंदर भी रखी जाएगी। इन पर्चियों के मिलान के बाद ही परिजन से शव की शिनाख्त करने के बाद ही सुपुर्द किया जाएगा।

मरीज की मौत के बाद कोरोना की जांच के लिए मृतक के परिजनों को शव लेेने के लिए 24 से 48 घंटे तक रिपोर्ट आने का इंतजार अब नहीं करना होगा। कमिश्नर के निर्देश पर जेएएच में रैपिड एंटिजन टेस्ट शुरू किया जाएगा। जिससे 30 मिनट में मृतक की जांच रिपोर्ट मिल जाए। यदि मरीज की रिपोर्ट निगेटिव हुई तो उसे शव तत्काल सुपुर्द कर दिया जाएगा और यदि पॉजिटिव आई तो प्रशासन उसका अंतिम संस्कार करेगा।


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