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सीएम ने कहा- खदानों में 75 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के मूल निवासियों को देना होगा

Published: 08 Sep 2020, 07:44 AM IST

सीएम ने कहा- दागी अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल सेवा से पृथक किया जाए।

भोपाल. मध्यप्रदेश की सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गौण खनिज खदानों के लीज धारकों को 75 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के मूल निवासियों को देना होगा। इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी केवल मध्यप्रदेश के नागरिक को ही दी जाएगी।

75 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गौण खनिज नियम तथा जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम में प्रस्तावित संशोधनों पर विचार-विमर्श कर रहे थे। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गौण खनिज खदानों के लीज धारकों को 75 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के मूल निवासियों को देना होगा। इसके साथ ही सीएम ने कहा- दागी अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल सेवा से पृथक किया जाए।

मजबूत की जाए ऑनलाइन व्यवस्था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खनिज से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाते हुए ऑनलाइन व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। प्रदेश में उपलब्ध मुख्य खनिज तथा गौण खनिज, रायल्टी का बड़ा स्रोत है। उत्खनित खनिज की शत-प्रतिशत रायल्टी राज्य को प्राप्त हो, इसके लिए हमें हरसंभव प्रयास करना होंगे। राज्य शासन खनिज संसाधनों की सुरक्षा व प्रबंधन के लिए पृथक बल बनाने पर भी विचार कर सकती है। रेत रायल्टी का बड़ा स्रोत है। इससे जुड़ी अवैध गतिविधियों के कारण जो रायल्टी राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हो रही है, उसे राज्य निधि में लाने के लिए वैधानिक विकल्प विकसित कर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

अवैध रेत खदानों को वैधानिक प्रक्रिया में लाया जाएगा। जिन जिलों के खनिज प्रतिष्ठान में अधिक राशि आती है उसका सार्थक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर से गाइडलाइन तथा प्राथमिकताएं निर्धारित करना आवश्यक है।

सरकारी नौकरी एमपी के लोगों को
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अगस्त महीने में घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश में अब सरकारी नौकरी केवल प्रदेश के लोगों को ही मिलेगी। उन्होंने कहा था मध्य प्रदेश में शासकीय नौकरी अब सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए होगी। इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के संसाधन मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए हैं।

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