मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन महा अभियान के दौरान देश में सबसे ज्यादा डोज लगाने का तीन बार रिकॉर्ड बनाया, लेकिन सोमवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 26 जिलों में अभियान नहीं चलाया जाएगा। वजह वैक्सीन के डोज की कमी बताई जा रही है। शनिवार को 9 लाख 86 हजार डोज लगने के बाद स्टॉक में सिर्फ 4 लाख डोज बचे हैं। वैक्सीन की नई खेप आज देर शाम मिलने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 21 जून से 30 जून तक 50 लाख डोज लगाने का टारगेट रखा गया है। छह दिन में ही 46 लाख से ज्यादा डोज लग चुके हैं। वजह यह है कि मध्यप्रदेश में 21 जून को 17.42 लाख, 23 जून को 11.59 लाख, 24 जून को 7.33 लाख और 26 जून को 9.86 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इस दौरान भोपाल, इंदौर सहित बड़े जिलों में टारगेट से ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ, लेकिन कई जिलों में टारगेट से कम टीके लगे। ऐसे जिलों में 28 जून को वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा।
तय किया गया है कि प्रदेश के उन 26 जिलों में सत्र आयोजित नहीं किए जाएंगे, जहां 25% आबादी वैक्सीनेट हो चुकी है। शेष 26 जिलों में सोमवार को वैक्सीन लगाई जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता
सूत्रों के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से सत्र कम आयोजित किए जा रहे हैं। ज्यादा ध्यान ग्रामीण क्षेत्र में पहला और दूसरा डोज लगाने पर है। इसके बाद शहरी क्षेत्रों में दूसरा डोज लगाने पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि मौजूदा स्थिति में प्रदेश में टीका के सिर्फ 4 लाख डोज बचे हैं। इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों शामिल हैं।
जहां संक्रमण ज्यादा, वहां पहले जरूरी था
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया, जिन जिलों में कोरोना के ज्यादा मरीज मिले और संक्रमण दर भी ज्यादा रही है, वहां शुरू में ज्यादा ध्यान था। इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन आदि जिले शामिल हैं। अब इन जिलों में टीकाकरण की स्थिति बेहतर हो चुकी है। लिहाजा, सोमवार को 25% से कम टीकाकरण वाले जिलों में ही ज्यादातर टीका लगाया जाएगा।
बड़े जिलों में टारगेट से ज्यादा वैक्सीनेशन
शनिवार को हुए वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश में इंदौर फिर अव्वल रहा। यहां कुल 1 लाख 50 हजार 280 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। दूसरे नंबर पर राजधानी भोपाल रही। यहां 45 हजार 694 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जबलपुर, ग्वालियर व उज्जैन में वैक्सीनेशन का आंकड़ा ठीक रहा। बता दें, 21 जून को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड में शामिल किया गया था।

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