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नेशनल लोक अदालत में विद्युत, संपत्ति कर एवं जल कर के प्रकरणों में छूट दी जाएगी



शिवपुरी,  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 10 जुलाई (शनिवार) को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में विद्युत प्रकरणों, नगर पालिका निगम तथा नगर पालिका परिषद/ नगर परिषद के संपत्ति कर एवं जलकर संबंधी प्रकरण, जोकि न्यायालय के समक्ष लंबित है अथवा वादपूर्व प्रकरण के निराकरण में नियमानुसार छूट प्रदान की जा रही है।


विद्युत प्रकरणों के संबंध में छूट-

विद्युत संबंधी प्रकरणों विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिये 10 जुलाई को होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्न दाव श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 05 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 एच.पी. भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट दी जाएगी।


प्रीलिटिगेशन स्तर पर -

कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धी दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिकर छूट दी जाएगी।


लिटिगेशन स्तर पर -

कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धी दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिकर छूट दी जाएगी। उक्त छूट शासन द्वारा निर्धारित नियम व शर्तों के अधीन दी जाएगी।


संपत्ति कर/जलकर के संबंध में-

ऐसे पक्षकार जोकि सम्पत्तिकर तथा जलकर के प्रकरणों में प्रदान की जा रही छूट का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं अथवा छूट के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है, कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय, शिवपुरी में सम्पर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही धारा 138 के अंतर्गत चैक अनादरण के मामलों में प्रथम या द्वितीय उपस्थिति में यदि समन किया जाता है तो नियमानुसार लगने वाला 10 प्रतिशत समन शुल्क, अधिरोपित नहीं किया जाएगा। साथ ही तृतीय उपस्थिति की स्थिति में 10 प्रतिशत समन शुल्क के स्थान पर उसे शिथिल कर कम किया जाकर, संबंधित पक्षकारों को लाभ प्रदान किया जावेगा। साथ ही नेशनल लोक अदालत में निराकृत होने वाले समस्त लंबित प्रकरणों में न्याय शुल्क वापस किये जाने का प्रावधान है।

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