हमारी सोच में बदलाव जरूरी है- श्री मनोहर लाल दुबे
शिवपुरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस 24 जनवरी को कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी द्वारा ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया।
आयोजन में मुख्य अतिथि श्रीमती स्नेहदीप सिंघल, सामाजिक कार्यकर्ता तथा अध्यक्षता श्री मनोहर लाल दुबे, आई.ए.एस. अधिकारी पूर्व सचिव राज्यपाल म.प्र. राजभवन एवं अध्यक्ष म.प्र. लोक सेवा आयोग रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं आयोजन की थीम पर डॉ. एम.के. भार्गव, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ की गतिविधियों तथा पोषण आहार वाटिका पर पावर पाइंट प्रेजेंटेशन बतलाया। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.पी. सिंह द्वारा बालिकाओं के विकास में पोषण तथा दुग्ध एवं दुग्ध आहार सामग्री को विस्तार से समझाया। वेबीनार में बालिका शिक्षा पर श्रीमती अर्चना शर्मा, प्राचार्य शा.उ.मा. विद्यालय तानपुर, एनीमिया एवं कुपोषण एवं स्वास्थ्य विषय पर श्री रवि गोयल, डायरेक्टर शक्तिशाली महिला संगठन ने जानकारी दी। बालिकाओं का खेल एवं एन.सी.सी. के विकास के बारे में श्री अविनाश भटनागर एन.आई.एस. कोच ने बतलाया।
मुख्य अतिथि श्रीमती स्नेहदीप सिंघल ने अपने व्याख्यान में बालिकाओं एवं नारी शक्ति के बारे में बतलाया कि जहां नारी का सम्मान है वहां संस्कृति का उत्थान होगा। अध्यक्षीय व्याख्यान देते हुए श्री मनोहर लाल दुबे ने कहा कि नारी के प्रति हमारी सोच में बदलाव जरूरी है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं कार्य नहीं कर सकती हैं। उन्होंने पूर्व इतिहास से लेकर वर्तमान में नारी शक्ति के बारे में बतलाते हुए नारी शक्ति सती के पिता दक्ष प्रजापति का भी उदाहरण दिया।
कार्यक्रम लिंक का प्रसारण श्री विजय प्रताप सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम का ऑनलाइन लिंक से समायोजन कु. आरती बंसल द्वारा किया गया। कार्यक्रम संचालन समिति डॉ. एम.के. भार्गव, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ. ए.एल. बसेडिया, डॉ. जे.सी. गुप्ता एवं श्री सतेंद्र गुप्ता द्वारा किया गया। उपरोक्त वेबीनार में स्कूली, कॉलेज, सामाजिक संगठनों से जुड़ी बालिकाएं एवं महिलाएं विशेषकर सहभागी रहीं। अंत में आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती नीतू वर्मा द्वारा सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के आयोजन के लिए आभार प्रकट किया गया।
मुख्य अतिथि श्रीमती स्नेहदीप सिंघल ने अपने व्याख्यान में बालिकाओं एवं नारी शक्ति के बारे में बतलाया कि जहां नारी का सम्मान है वहां संस्कृति का उत्थान होगा। अध्यक्षीय व्याख्यान देते हुए श्री मनोहर लाल दुबे ने कहा कि नारी के प्रति हमारी सोच में बदलाव जरूरी है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं कार्य नहीं कर सकती हैं। उन्होंने पूर्व इतिहास से लेकर वर्तमान में नारी शक्ति के बारे में बतलाते हुए नारी शक्ति सती के पिता दक्ष प्रजापति का भी उदाहरण दिया।
कार्यक्रम लिंक का प्रसारण श्री विजय प्रताप सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम का ऑनलाइन लिंक से समायोजन कु. आरती बंसल द्वारा किया गया। कार्यक्रम संचालन समिति डॉ. एम.के. भार्गव, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ. ए.एल. बसेडिया, डॉ. जे.सी. गुप्ता एवं श्री सतेंद्र गुप्ता द्वारा किया गया। उपरोक्त वेबीनार में स्कूली, कॉलेज, सामाजिक संगठनों से जुड़ी बालिकाएं एवं महिलाएं विशेषकर सहभागी रहीं। अंत में आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती नीतू वर्मा द्वारा सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के आयोजन के लिए आभार प्रकट किया गया।
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