
शिवपुरी शहर के चार युवकों को इंदौर पुलिस ने न्यूड फोटो व वीडियोे बनाकर ब्लैकमेलिंग करने के मामले में गिरफ्तार किया है . पुलिस ने शिवपुरी के रहने वाले चार ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने 10 दिन के भीतर 200 से ज्यादा नामी-गिरामी लोगों को अपने जाल में फंसा कर ब्लैकमेल किया। वीडियो कॉल पर नग्न फ़ोटो कैद करने के बाद धनाढ्यों की इज्जत के बदले करीब 5 लाख वसूल डाले। पुलिस को इस मामले में एक इमेल के जरिये शिकायत मिली थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए विजय नगर पुलिस ने विजयनगर स्थित स्कीम-54 के एक फ्लैट से चारों को बुधवार को पकड़ लिया। चारों के मोबाइल से कई अश्लील वीडियो मिले हैं। स्कीम-54 में उन्होंने यह फ्लैट किराये पर लिया था।अब तक पुलिस के पास 5 कपड़े उतारकर फस चुके पीड़ित पहुंच चुके हैं।
सोशल मीडिया के सहारे फैलाया नेटवर्क
Sextortion सेक्सटॉर्शन रैकेट के इन शातिर युवकों ने इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक आदि पर जाल फैलाया हुआ था। सोशल मीडिया पर युवतियों के फर्जी अकाउंट बनाकर यह लड़कियों की आवाज में सेवानिवृत्त बड़े अधिकारियों, आशिक मिजाज बुजुर्गों को निशाना बनाते थे। उन्हें अपने प्रेम जाल में फंसाने के बाद वीडियो कॉल करते थे और आजकल के चलन में जिस तरह से कई मामले इस तरह के सामने आ रहे हैं ठीक उसी तर्ज पर यह वीडियो कॉल पर किसी लड़की को कपड़े उतार के दिखा दे दे और बदले में सामने वाले लोगों के भी कपड़े उतार कर बाद में उन्हें ब्लैकमेल करते थे। इस आशय की शिकायत पुलिस को सूरत के एक नामी-गिरामी आदमी ने दी। जिसके बाद इंदौर पुलिस ने पड़ताल शुरू की। छानबीन के बाद जब आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े तो इनमें मास्टरमाइंड शिवपुरी का संदीप शर्मा निकला है।
टीआई तहजीब काजी ने बताया कि हमें दो दिन पहले इमेल पर शिकायत मिली थी। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर बुधवार को छापा मारा। इस दौरान पुलिस ने फ्लैट से चार आरोपियों मोनू राठौर, संदीप शर्मा, अमन जाट, सचिन धाकड़ को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 10 दिनों में ही 200 से अधिक लोगों को ब्लेकमेल कर लाखों रुपए वसूल चुके हैं।चारो स्क्रीन रिकॉर्डर से रिकॉड हुए वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लेकमेल करते थे। रुपये देने से इन्कार करने पर वे फर्जी पुलिस अफसर बनकर अलग-अलग नंबरों से फोन लगाते थे। ये सभी लड़कों को FIR दर्ज कराने की धमकी देते थे। तब वे डर कर चारों आरोपियों के खाते में पैसे जमा करा देते थे। पुलिस अब इन सभी के मोबाइल और बैंक खातों की जांच कर रही है।
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