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MP : प्रदेश के 37 जिलों में आज से शुरुआतसमर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी गेहूं, 16 मई तक चलेगी; भोपाल में 77 सेंटर

 

मध्यप्रदेश के भोपाल, जबलपुर-ग्वालियर समेत 37 जिलों में 4 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू होगी। खरीदी 16 मई तक चलेगी। गेहूं खरीदी सोमवार से शुक्रवार के बीच ही की जाएगी। इसके लिए किसानों को पहले से ऑनलाइन स्लॉट बुक करना होंगे। बुकिंग के 3 दिन के भीतर गेहूं बेचने सेंटर पर ले जाना होगा। वे अपनी तहसील के किसी भी सेंटर पर गेहूं बेच सकेंगे। भोपाल के 77 सेंटरों पर 30 लाख क्विंटल गेहूं खरीदने का टारगेट है।

इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में 28 मार्च से खरीदी शुरू हो चुकी है। अब बाकी जिलों में भी खरीदी शुरू की जा रही है।

इन जिलों में खरीदी
भोपाल, नर्मदापुरम (होशंगाबाद), जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग में 4 अप्रैल से 16 मई तक खरीदी होगी। इनमें भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम्, हरदा, बैतूल, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले शामिल हैं।

अभी मंडियों में 2200 रुपए के पार भाव
प्रदेश की भोपाल, इंदौर समेत अन्य अनाज मंडियों में पिछले एक महीने से गेहूं की आवक हो रही है। यूक्रेन-रूस विवाद के बाद गेहूं के भाव में खासा उछाल आया है। वर्तमान में मंडियों में गेहूं की कीमत 2200 रुपए क्विंटल से ज्यादा है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपए तय किया है। ऐसे में किसान को बेहतर दाम मिलेंगे।

भोपाल में ऐसी रहेगी तस्वीर
भोपाल में 77 सेंटरों पर गेहूं खरीदी जाएगा। इनमें 65 गोदामों में सीधे गेहूं खरीदा जाएगा। वहीं, 12 समितियां खरीदी करेगी। स्टील सायलो मुगालिया कोट में भी खरीदी की जाएगी। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सभी सेंटरों पर कम से कम 8 इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे रखने और दिन में 2 हजार क्विंटल तक गेहूं खरीदने के निर्देश दिए हैं।

सेंटरों पर ये व्यवस्था रहेगी

  • गोदामों में वॉटर कूलर लगाए जाएं। वहीं, अन्य सेंटरों पर मटके रखे जाएं।
  • पर्याप्त शेड हो, ताकि किसान गेहूं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां या अन्य वाहन खड़े कर सके।
  • प्लास्टिक के बारदाना में 50 किलो 135 ग्राम से अधिक गेहूं न तौला जाए।
  • किसानों का जेआईटी के माध्यम से भुगतान होगा।
  • परिवहन समय पर हो, बारदाना पर्याप्त रखे जाएं।

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