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नई दिल्ली। स्पिक मैके के सात दिवसीय ऑनलाइन अनुभव समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो संदेश दिखाया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कोरोना काल में संगीत देश की सामूहिक ऊर्जा का नया स्रोत बन गया है जो कोरोना से लड़ रहे लोगों का न केवल मनोबल बढ़ाएगा बल्कि उनमें नई आशा और आत्मविश्वास भी पैदा करेगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना बीमारी के कारण जो तनाव है, लोगों में जो डर और दुविधा है, उसे संगीत और कला के माध्यम से कैसे दूर किया जाए। आपको याद होगा, इस अभियान की शुरुआत 130 करोड़ भारतवासियों ने ताली-थाली बजाकर, शंख-घंटी बजाकर खुद की थी, पूरे देश को एक ऊर्जा से भर दिया था। ऐसे में जब 130 करोड़ लोग एक भावना से साथ आते हैं, एक संग जुड़ते हैं, तो ये संग ही संगीत बन जाता है।
जिस तरह संगीत में एक सामंजस्य की जरूरत होती है, एक अनुशासन की जरूरत होती है, उसी तरह के सामंजस्य, संयम और अनुशासन से ही देश का प्रत्येक नागरिक आज इस महामारी से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संगीत या योग के माध्यम से जब हम अपनी आत्मशक्ति तक पहुँचते हैं तो ये नाद ब्रह्मनाद हो जाता है। यही कारण है कि संगीत और योग दोनों में ही मेडिकेशन और मोटिवेशन की शक्ति होती है, दोनों ही ऊर्जा के अपार स्रोत होते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में तो कहा गया है-
न नादेन बिना गीतं, न नादेन बिना स्वरः। न नादेन बिना ज्ञानम् न नादेन बिना शिवः॥
अर्थात, नाद के बिना गीत संगीत और स्वर सिद्ध नहीं होते, और नादयोग के बिना ज्ञान और शिवत्व की प्राप्ति नहीं होती। शिवत्व का मतलब है आत्म कल्याण। शिवत्व का मतलब है मानवता का कल्याण। शिवत्व का मतलब है मानवता की सेवा। इसलिए, हमारे यहां संगीत केवल अपने सुख का ही नहीं, बल्कि साधना और सेवा का भी माध्यम रहा है, संगीत की साधना, तपस्या का रूप रही है।
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