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फाइल फोटो |
उज्जैन- उज्जैन में कर्ज और सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर दो दिन के अंदर दो भाइयों ने क्षिप्रा नदी में कूदकर सुसाइड कर ली। सोमवार को सुबह दवा व्यवसायी पीयूष चौहान ने नृसिंह घाट पर ब्रिज से उसी जगह से छलांग लगाई, जहां से 2 दिन पहले बड़ा भाई प्रवीण कूद गया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोपहर साढ़े 12 बजे पीयूष के शव को नदी से निकाला गया। इससे पहले शनिवार को पीयूष के बड़े भाई प्रवीण चौहान ने भी सुसाइड की थी। परिजन की मानें तो सुबह पीयूष घर से यह कहकर निकला था कि वह भाई प्रवीण को फूल चढ़ाने जा रहा है। बाद में सूचना मिली कि पीयूष भी नदी में कूद गया।
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पुलिस ने लोगों की मदद से शिप्रा नदी से शव को बाहर निकाला |
पीयूष की फेसबुक पोस्ट से ये साफ हो गया है कि वे कर्ज और सूदखोरी से परेशान थे। बड़े भाई प्रवीण चौहान का एक पेज का सुसाइड नोट भी सामने आया है, जिसे खुद पीयूष ने फेसबुक पर पोस्ट किया है। सुसाइड नोट में बड़े भाई ने लिखा है कि मैंने 15 लाख का एक प्लॉट लेकर गलती कर दी, इसकी वजह से भी लोग परेशान हो रहे हैं।
एक दिन पहले लिखा- सूदखोरों की वजह से एक और जिंदगी खत्म हो गई
पीयूष ने बड़े भाई प्रवीण की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लिखा था- ‘कलेक्टर साहब और एसपी साहब सूदखोरों से आज एक और जिंदगी खत्म हो गई। प्रवीण मुझ पागल पीयूष का भाई था। अब आप अपनी कानून व्यवस्था को संभाल लो, सूदखोरों और ब्लैकमेलरों को तो मैं संभालने आ ही रहा हूं।
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बड़े भाई प्रवीण चौहान का सुसाइड नोट, |
पीयूष ने मौत से पहले लिखा- पापा को कह देना, हम व्यवस्था करने गए हैं
पीयूष ने मौत से एक घंटे पहले सोशल मीडिया पर बेहद भावनात्मक पोस्ट लिखी। उन्होंने लिखा- ‘मेरे पापा को ये जरूर कह देना कि सोनू (प्रवीण चौहान) और पीयूष गए हैं व्यवस्था करने। दादी और मम्मी से बात करके बता देंगे, फिर आप आ जाना।’
इसके बाद एक और पोस्ट उन्होंने किया, जिसे पढ़कर साफ पता चलता है कि पीयूष दो दिन पहले बड़े भाई प्रवीण चौहान की मौत से परेशान था। उसने लिखा कि ‘भैया मैं उस राख में तुझे ढूंढ रहा था, पर तू मुझे मिला नहीं, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, अब क्या करना है। तू मेको बता दे यार, अब क्या करना है। मैं तुझसे पूछने आ रहा हूं।
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पीयूष की मौत से एक घंटे पहले की गई फेसबुक पोस्ट। |
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दोस्त ने बताया कि दो रातों से सो नहीं पाया था पीयूष
पीयूष के दोस्त जयंत गौड़ ने बताया कि बड़े भाई प्रवीण की मौत के बाद वह बेहद दुखी और परेशान हो गया था। वह दो रातों से सो नहीं पाया था। रविवार की रात को मैं 12-1 बजे तक उसके साथ ही था। मैंने कहा- आराम कर लो, वरना तबीयत खराब हो जाएगी। उसने मुझे कहा- तू घर चला जा, अभी मुझे नहीं सोना है। सुबह जब फोन किया तो पता चला कि पीयूष ने आत्महत्या कर ली।
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