प्रदेश सरकार ने वर्तमान में कोरोना संक्रमण के विस्तार तथा जिलों में कोरोना लॉकडाउन ( कर्फ्यू ) की स्थिति को देखते हुए कक्षा 9 वीं एवं 11 वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए पूर्व में जारी निर्देश निरस्त कर दिए है। कक्षा 9 वीं एवं 11 वीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा नहीं ली जाएगी तथा उनका मूल्यांकन अकादमिक सत्र के दौरान पूर्व में किए गए मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा और मूल्यांकन आधार पर किया जाएगा। विभाग द्वारा 20 नवम्बर से 28 नवम्बर तक लिए गए रिवीजन टेस्ट तथा 1 फरवरी से 9 फरवरी तक आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा में से विद्यार्थियों द्वारा जिसमें बेहतर अंक प्राप्त किए हो उसके आधार पर कक्षा 9 वीं एवं 11 वीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा।
परीक्षा परिणाम की गणना Best Five के आधार पर की जाएगी अर्थात यदि विद्यार्थी 6 में से 5 विषय में पास है तथा 1 विषय में न्यूनतम निर्धारित 33 अंक प्राप्त नही कर सका हो तो भी उसे पास घोषित किया जाएगा। एक से अधिक विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त न करने वाले विद्यार्थियों के लिए कृपांक के रूप में अधिकतम 10 अंक प्रदान किए जा सकेंगें।कृपांक के अधिकतम 10 अंक आवश्यकतानुसार एक से अधिक विषयों में आवंटित किए जा सकेगें। मूल्यांकन विषयक निरस्त कर अकादमिक सत्र में द्वितीय अवसर कृपांक के उपरांत भी यदि विद्यार्थी को 2 अथवा अधिक विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त नहीं हुए हों तो उसे परीक्षा हेतु द्वितीय अवसर दिया जाएगा। ऐसे विषय जिनमें विद्यार्थी द्वारा पूर्व परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त नहीं किए गए थे, उन विषयों में उसे पुनः परीक्षा देनी होगी।
कोविड संकमण की स्थिति में कमी आने अथवा स्कूल आरंभ होने के पूर्व दिया जाएगा, जिसकी सूचना परीक्षा के 15 दिवस पूर्व दी जाएगी। द्वितीय अवसर उन विद्यार्थियों को भी दिया जाएगा जो रीविजन टेस्ट एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा दोनों में से किसी भी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए किन्तु उन्होंने सत्र 2020-21 में शासकीय विद्यालय में प्रवेश लिया था।
सभी शालाएं 30 अप्रैल 2021 तक सुनिश्चित कर परीक्षा परिणाम घोषित करें। विमर्श पोर्टल पर भी विद्यार्थियों के लिए परीक्षा परिणाम ऑनलाईन उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। संबंधित शाला प्रमुख शाला का परीक्षा परिणाम विमर्श पोर्टल पर निर्धारित प्रपत्र में 5 मई 2021 तक दर्ज करना सुनिश्चित करें ताकि अगले अकादमिक सत्र हेतु सभी विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
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