छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,उपाध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी, महिला प्रतिनिधि श्रीमती सीता मिलन ने मांग करते हुए कहा है कि कोविड के रोकथाम में कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मध्यप्रदेश के पटवारी के मृत्यु होने पर उसके आश्रित को 50 लाख का बीमा राशि स्वीकृत किया गया है,, तथा कोरोना से दिवंगत शासकीय कर्मचारियों के आश्रित को विशेष पेंशन देने बिहार मंत्रिपरिषद ने 30 अप्रैल 2021 को निर्णय लिया है*इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी कोरोना में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को भी कोरोना वारियर्स की दर्जा देते हुए दिवंगत के परिजन को 50 लाख का बीमा कवर दिया जावे, तथा तृतीय श्रेणी पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जावे।*
*छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, जिला महिला प्रभारी श्रीमती अर्चना शर्मा, सचिव बोधीराम साहू, संयोजक विजय प्रधान, जिला मीडिया प्रभारी दीपक यादव, विकेश केशरवानी,आशीष सिंह, राजकिशोर धीरही, माखन राठौर, जितेंद्र तिवारी, आशीष मिश्रा, उमेश कुमार दुबे, विनोद राठौर, मनमोहन सिंह,दीपक थवाईत, टेकराम कुर्रे, गिरवर,अनिल, राम रतन, नवधा चंद्रा, रामविलास, डीपी देवांगन, ब्लॉक अध्यक्ष अकलतरा विनोद चौबे, बलौदा नरेश गुरुद्वान बम्हनीडीह उमेश तेम्बूलेकर नवागढ़ किशोर सिंह, पामगढ़ राजकुमार चौहान सहित पदाधिकारियों ने कहा है कि कोरोना के इस भयावह विषम परिस्थिति में भी शिक्षक जिम्मेदारी पूर्वक ड्यूटी कर रहे है, जब जब आवश्यकता होती है कि अन्य विभाग के भी काम को शिक्षक ही सहर्ष स्वीकार करके अपने इति कर्तव्यो का कुशल निर्वहन करते आ रहे है, पर जब भी शिक्षकों के हितों की बात होती है तो शासन, प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग मुंह फेर लेते है फिर भी शिक्षक कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नही हटे वे निरन्तर शासन, प्रशासन के निर्देश का पालन कर ही रहे है,,प्रदेश में कोरोना डयूटी से 300 से अधिक शिक्षको को मृत्यु हो गई पर उन्हें 50 लाख के बीमा कवर में नही लाया गया, अब तक कोरोना वारियर्स का दर्जा नही दिया गया है, परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति नही मिली,,इससे शिक्षको में भारी आक्रोश है।*
*शिक्षक कर रहे है जोखिम भरा ड्यूटी - जैसे अस्पताल में ड्यूटी, शमशान घाट में ड्यूटी, वैक्सीनेशन में ड्यूटी, सेम्पल लेने में ड्यूटी, रेल्वे स्टेशन व बस स्टैंड में ड्यूटी,चेक पोस्ट में ड्यूटी, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में ड्यूटी, कोविड सेंटर में ड्यूटी, कोरेंटाईन सेंटर में ड्यूटी, टेस्टिंग में ड्यूटी, इसके बावजूद शासन ने शिक्षको को नही माना फ्रंटलाइन वर्कर्स।*
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