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प्रदेश में लागू होगा नया मॉडल:पहले एक मरीज मिलने पर 10 लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होती थी, अब 30 की हाे रही



भोपाल  संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का नया मॉडल तैयार किया है, जो जल्द ही प्रदेश में लागू हो जाएगा। भोपाल में इसे शुरू हुए चार दिन बीत गए हैं। पहले एक कोरोना मरीज मिलता था, तो उसके संपर्क में आने वाले कम से कम 10 लोगों के सैंपल लेकर जांच होती थी, अब ये संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई है।

यानी तीन गुना कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग। इसके पीछे अधिकारियों की सोच संक्रमण को एक से दूसरे तक पहुंचने से रोककर चेन ब्रेक करना है। अभी भोपाल में डबल डिजिट में ही नए केस मिल रहे हैं। ऐसे में नए मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में सिर्फ एक-एक सैंपल लिए जा रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि ज्यादा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए हर एसडीएम को दो-दो से ज्यादा डॉक्टर दिए हैं। रेवेन्यू और पुलिस डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी तैनात किए जा रहे हैं। एनएचएम संचालक डॉ. पंकज शुक्ला के मुताबिक ज्यादा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से संक्रमण की चेन ब्रेक होगी। इससे यह भी संभव है कि तीसरी लहर आए ही नहीं।

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