भाजपा विधायक देवेन्द्र जैन ने जिले में बढ़ते भ्रष्टाचार पर खोला मोर्चा, पूर्व एसडीएम पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में अधिकारियों के भ्रष्टाचार ने सारी सीमाऐं तोड़ दी हैं। कोई भी विभाग ऐसा नहीं है जो कि भ्रष्टाचार से मुक्त हो। राजस्व विभाग में पूर्व एसडीएम उमेशचंद कौरव ने कई नियम विरूद्ध काम किए हैं। नगर पालिका में भ्रष्टाचार तो जग जाहिर हैं। खनिज विभाग के भ्रष्टाचार की जन-जन में चर्चा हैं। उक्त बात शिवपुरी के भाजपा विधायक देवेन्द्र जैन ने अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि ये भ्रष्टाचार किसी न किसी की शह पर तो हो रहे होंगे। इस पर उनका जबाब था इसकी खोज पत्रकार करें, लेकिन जनप्रतिनिधियों का कोई संरक्षण भ्रष्टाचार को नहीं है। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की इच्छा से शिवपुरी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना हमारा लक्ष्य हैं और यह लड़ाई में अंतिम क्षण तक जारी रखूंगा। यदि न्याय नहीं मिला तो मैं शिवपुरी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए न्यायलय की शरण लूंगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्व एसडीएम उमेशचंद कौरव को हटाना कोई दण्ड नहीं है। उनके भ्रष्टाचार के इतने किस्से हैं कि उनके विरूद्ध तत्काल एफआर्ईआर कायम कर गिरफ्तार किया जाए।
विदित हो कि पूर्व एसडीएम उमेशचंद कौरव को केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के यहां विधायक देवेन्द्र जैन की शिकायत के बाद कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने हटाया है, लेकिन श्री कौरव के खिलाफ इस कार्यवाही से विधायक संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि पूर्व एसडीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले इतने प्रमाणिक है कि उन्हें एसडीएम पद से हटाना कोई दण्ड नहीं है। उनके विरूद्ध तत्काल आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। जैन बताते हैं कि एसडीएम रहते हुए उमेशचंद कौरव ने एक ही दिन में एक ही मामले में तीन-तीन आदेश जारी किए हैं। वायपास पर सरकारी जमीन के नामांतरण के मामले में नगर पालिका की फर्जी एनओसी के आधार पर नामांतरण कराने का प्रयास किया गया और जब यह स्पष्ट हो गया कि नगर पालिका की एनओसी फर्जी थी तो एसडीएम कौरव ने क्रेता, विक्रेता, दलाल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सब रजिस्ट्रार को इस पूरे घोटाले में संलिप्त मानते हुए सभी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया फिर जैसे-जैसे कथित आरोपी एसडीएम की सेवा करते गए वैसे-वैसे सिर्फ आपराधिक कायमी क्रेतागण के विरूद्ध की गई। इसके बाद उन्होंने कई ऐसी विक्रय से वंचित जमीनों का नामांतरण किया जो कि नियमानुसार नहीं किया जाना चाहिए था। सरकारी जमीन का भी किसी व्यक्ति के नाम पर नामांतरण कर दिया गया है। सुरवाया में 1500 बीघा जमीन का नामांतरण तहसीलदार ने करने से इन्कार किया था क्योंकि जमीन सरकारी थी जिसमें तालाब बना हुआ था। लेकिन एसडीएम ने उक्त जमीन का नामांतरण कर दिया। उक्त जमीन विक्रेतागण कु. चन्द्र आंग्रे आदि ने गुलमाता कंस्ट्रेक्शन प्रा.लि. को 2010 में विक्रय की थी लेकिन तब से उक्त जमीन का नामांतरण नहीं हो रहा था। वर्ष 2024 में तहसीलदार ने उक्त जमीन के नामांतरण का प्रकरण निरस्त कर दिया था लेकिन एसडीएम उमेशचंद कौरव ने सभी नियमों और कानूनों को धता बताते हुए उक्त जमीन का नामांतरण कर दिया। जिसकी मौखिक शिकायत विधायक देवेन्द्र जैन ने कलेक्टर से भी की लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास पहुंचे और सिंधिया के हस्तक्षेप के पश्चात उक्त जमीन का नामांतरण निरस्त किया गया और कलेक्टर ने एसडीएम उमेशचंद कौरव को हटाकर अनुपम शर्मा को एसडीएम नियुक्त किया। विधायक देवेन्द्र जैन का कहना है कि पूर्व एसडीएम उमेशचंद कौरव ने इसी तरह से पिपरसमा मंडी स्थित सरकारी दुकानों का अवैध रूप से विक्रय किया था। जिसकी शिकायत के पश्चात उक्त आवंटन निरस्त कर दिया गया। विधायक देवेन्द्र जैन ने बताया कि इसी तरह नगर पालिका भी भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए नगर पालिका को नरक पालिका की संज्ञा दी।
विधायक जैन ने स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को दिया धन्यवाद
विधायक देवेन्द्र जैन ने बताया कि शिवपुरी में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु उन्होंने उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को शिवपुरी मेडीकल कॉलेज में न्यूरोलॉजिस्ट की नियुक्ति हेतु आवेदन दिया था और उन्होंने मेरी इस मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए न्यूरोलॉजिस्ट के रूप में डॉ. दिनेश गोयल की सेवाऐं शिवपुरी मेडीकल कॉलेज को उपलब्ध कराई हैं। जिससे शिवपुरी के मरीजों को न्यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों का इलाज मेडीकल कॉलेज में मिल सकेगा। इसके लिए विधायक जैन ने स्वास्थ्य मंत्री शुक्ला के प्रति हादिॅक आभार व्यक्त किया है।
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