पांचवे दिन भी जारी रही संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हडताल
।। शिवपुरी 28 अप्रैल 2025।। मुख्यमंत्री मोहन यादव के म.प्र. के कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है वाले वयान पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कडी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “म.प्र. के कर्मचारियों में हर्ष नही रोष व्याप्त है।” सरकार कर्मचारियों की सुन नई रही है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. की हटधर्मिता के चलते पिछले पांच दिन से हडताल पर हैं। स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं, लेकिन सरकार को कोई नुमाइंदा सार गर्भित चर्चा के लिए अब तक पहल नही कर सका है। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि म.प्र. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी नई संविदा नीति के विरोध में हडताल पर गए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों शिवपुरी के तात्याटोपे पार्क में डेरा जमाए वैठे हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हडताल आज पांचवे दिन भी बडे ही जोर शोर से जारी रही। जहां उन्होंने थाली गाली के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित म.प्र. सरकार को कोसा।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष शेर सिंह रावत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर तानाशाही पूर्व नीति का अनुसरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कोविड जैसी महामारी में प्राण प्रण से सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की सुघ नही ले रही हैं। इससे भी गंभीर चिंता का विषय है सरकार को ठप्प स्वास्थ्य सेवाओं के चलते परेशान हो रहे मरीजों की फ्रिक भी नही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को कई अल्टीमेटम देने के बाद भी कर्मचारियों की सुनवाई नही की जा रही है। इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है जबकि म.प्र. सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री मोहन यादव मीडिया में बयान दे रहे कि म.प्र. के कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है। म.प्र. में संविदा कर्मचारी हो या रिटायर्ड कर्मचारी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला सचिव सुनील जैन ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर आ गई हैं वहीं अब तक सरकार या एनएचएम की ओर से हडताली कर्मचारियों से कोई सार्थक चर्चा की पहल नही की गई है। जिससे हालात और भी गंभीर होते जा रहे हैं। कर्मचारियों में लगातार आक्रोश बडता जा रहा है। संध के प्रवक्ता अखिलेश शर्मा ने कहा कि सरकार में आज वह लोग काबिज है जिन्होंने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ स्वंय आंदोलन किए हैं , लेकिन वह संवदि कर्मचारियों की पीडा को क्यू नही समझ पा रहे हैं यह आश्चर्य जनक है। जबकि संविदा कर्मचारियों की मांग पूर्णतः स्पष्ठ है कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा घोषित नीति को लागू किया जावे । नवीन संविदा नीति को समाप्त किया जाना चाहिए। नवीन नीति पूर्णतः भाजपा के घोषणा पत्र के विपरीत है। इससे कर्मचारी आक्रोशित हैं।
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